"यादें"

किसी के मनोहर दिल कि धड़कन हैं यादें,

किसी शूल का दर्द चीरकर मरहम लगाती हैं यादें,

कभी नसों में कंपन लाकर भयभीत करती हैं यादें,

और कभी नस नस में खून खौलाकर, प्रेरित कर जाति हैं यादें ।

मीठे स्वर की बोली बनकर कानों में अमृत पिलाती है यादें,

आज आधुनिक युवा है तो श्रवण याद दिलाती यादें,

जीवन के स्वर्ण पल भुलाकर, जब हम भूल जाते हैं सारे वादे,

तब किसी हवा का झोका बनकर, राह दिखाती हैं यादें।।

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Raghuvansh Bhardwaj

Student, i write poetries both in english and hindi